सजता सुंदर द्वार है , स्वागत करते लोग।
माता रानी आती है , सभी लगाते भोग।।
सभी लगाते भोग , भक्त जन करते सेवा।
लेते आशीर्वाद , सभी पाते हैं मेवा।।
सभी जलाते दीप , द्वार सुंदर है लगता ।
आती माता रोज , घरों में दीपक सजता।।
आई सबके द्वार में , माता रानी आज।
शीश झुकाते लोग हैं , बनते बिगड़े काज।।
बनते बिगड़े काज , कामना पूरा करती।
खुश होते हैं लोग , खुशी जीवन मेंभरती।।
दीप जलाते लोग , दिलों में खुशियाँ छाई।
सभी भक्त के साथ , द्वार में माता आई।।
"माटी पुत्री" - प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़
Priyadewangan1997@gmail.com
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