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ध्यान मग्न रहते सदा, पर्वत करते वास।
बाबा भोले नाथ जी, पूरा करते आस।।
कांँवर पकड़े हाथ में, जाते हैं शिव धाम।
बम बम भोले नाथ की, जपते रहते नाम।।
सर में जटा विराज है, बहती गंगा धार।
कुंडल सोहे कान में, गले रुद्र की हार।।
डम डम डम डमरू बजा, करते भोले नाच।
पर्व महाशिवरात्रि पर, नाचे भूत पिशाच।।
बाबा भोलेनाथ जी, दर्शन देदो आज।
आये तेरे द्वार पर, रख दो सबका लाज।।
रचनाकार
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़
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