चिड़िया घर में नहीं बची है,
चिड़िया कोई बाकी |
कक्का चौकीदार बचे हैं ,
बच गईं मालिन काकी |
हाथी भागे, भागे भालू ,
हिरन हो गए ओझल |
एक मात्र जो शेर बचा था ,
भाग गया वह भी कल|
लगता है कुछ हुई शरारत ,
या हुई कुछ चालाकी |
मोर बहुत थे सोन चिरैया ,
मिट्ठू कोयल सारे |
गौरैयों को हाँक ले गए ,
अनजाने हरकारे }
चिड़िया घर मैदान बन गया ,
लोग खेलते हॉकी |
वन पशुओं की कई जातियां ,
नहीं बचीं अब शायद |
आसमान के पंछी भी,
होते जाते नादारद |
इनके संग में रोज क्रूरता ,
क्यों ये नाइंसाफी |
प्रभुदयाल श्रीवास्तव
छिंदवाड़ा
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