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बुधवार, 16 जून 2021

दो गदहों की कथा (बाल कथा : एक लोककथा पर आधारित



एक धोबी के पास दो गदहे थे। एक गदहे का रंग गोरा था और दूसरे गदहे का रंग काला था। गोरा गदहा घमंड मे चूर रहता था और काला गदहा अपना काम चुपचाप करता रहता था। धोबी के लिये दोनो गदहे एक जैसे थे । दोनों गदहों को भरपूर बोझा ढोने का काम करना पड़ता था ।
एक बार धोबी ने अपने घर में इस्तेमाल करने घाट से काफी मिट्टी काले रंग के गधे की पीठ पर लाद दिया और सफेद बालो वाले गधे पर सूखे कपडों का बड़ा गट्ठर लाद दिया । रास्ते में एक नाले के ऊपर काले गधे का पैर फिसल गया और वह नाले में जा गिरा । जब तक धोबी गधे को निकालता तब तक आधी मिट्टी पानी मे चली गई थीं और गधे की पीठ का बोझ कम हो गया । वह प्रसन्न होकर सफेद रंग के बालों वाले गधे को देखने लगा । दूसरे गदहे ने जब देखा तो उसने भी नाले में छलांग लगा दी । दूसरे गदहे की पीठ पर लदे सूखे कपडे गीले हो गये और भारी हो गये। अब उसे अधिक बोझ उठाना पड़ा । धोबी से उसे मार भी अलग पड़ी । अतः हमे बिना सोचे समझे नकल भी नहीं करनी चाहिए वर्ना बिना सोचे समझे नकल करने से सफेद बालो वाले गधे की तरह परिणाम भुगतना पड़ सकता है ।

शरद कुमार श्रीवास्तव

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