शबनम का बस्ता
इसी वर्ष पहली कक्षा में
उसका नाम लिखाया है
नया-नया बस्ता शबनम को
अब्बा ने दिलवाया है।
रंग-बिरंगे, सुन्दर-सुन्दर
छपे हुए हैं उसमें फूल
रोज़ टांगकर, हँसते-हँसते
शबनम जाती है स्कूल।
उसका नाम लिखाया है
नया-नया बस्ता शबनम को
अब्बा ने दिलवाया है।
रंग-बिरंगे, सुन्दर-सुन्दर
छपे हुए हैं उसमें फूल
रोज़ टांगकर, हँसते-हँसते
शबनम जाती है स्कूल।
शादाब आलम
(बच्चों के साहित्य के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान से वर्ष 2016 के लिए ₹51000/- के पुरुस्कार से सम्मानित )
लखनऊ
(बच्चों के साहित्य के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान से वर्ष 2016 के लिए ₹51000/- के पुरुस्कार से सम्मानित )
लखनऊ
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