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शनिवार, 6 मई 2017

प्रिया देवांगन "प्रियू" का बालगीत : नाना की पिटारी में


नाना  की पिटारी में ( बालगीत )



बढ़िया बढ़िया खेल खिलौने, नाना की पिटारी में ।

आओ झूमे नाचे गाये  , नाना की पिटारी में ।

छुकछुक छुकछुक रेलगाड़ी, नाना की पिटारी में ।

सैर करे हम जंगल झाड़ी , नाना की पिटारी में ।

शेर भालू हिरण चीता,   नाना  की  पिटारी में ।

खेले कूदे नाचे सीता,   नाना की पिटारी में ।

गीत कहानी गजल कविता, नाना की पिटारी में। पहाड़ पर्वत झरना सरिता,  नाना की पिटारी में ।

कोयल गाये मोर  नाचे , नाना की पिटारी में ।

बंदर मामा पुस्तक बांचे, नाना की पिटारी में ।

धूम धड़ाका करते भालू, नाना की पिटारी में ।

डंडा लेकर दौड़े लालू, नाना की पिटारी में ।



                              प्रिया देवांगन "प्रियू"

                              पंडरिया छत्तीसगढ़

2 टिप्‍पणियां:

  1. पिटारी का दर्शन!
    सब कुछ स्पष्ट! बहुत खूबसूरत!

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  2. पिटारी का दर्शन!
    सब कुछ स्पष्ट! बहुत खूबसूरत!

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