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शुक्रवार, 16 जून 2017

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की रचना : अम्मा लो बात करो फोन से







टीचर जी होल्ड किये,
बात उन्हें करना है।
लगता है मेरा ही ,
कोई सा उलहना है
न मालूम थोपेंगी,
काम मुझे कौन से।

टीचर ने बोला है,
मम्मी से कहलाना।
मैं कैसी शिक्षक हूँ,
उनका मत भिजवाना।
वेरी गुड़ लिखना मां,
अच्छे से पेन से।

सच में मां टीचरजी,
बहुत नेक सच्ची हैं,
बाहर से कर्कश हैं,
भीतर से अच्छी हैं
उनके कारण ही मैं,
पढ़ पाती चैन से।

प्रभुदयाल श्रीवास्तव


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