डॉ प्रदीप शुक्ला
मई दिवस पर मजदूरों ने
डाल दिया है ताला
' वर्कर बी ' सब छुट्टी पर हैं
शहद भी नहीं निकाला
दौड़ दौड़ कर वो बेचारे
कितना तो थक जाते
लौट के घर में खाने को
सूखी रोटी ही पाते
रानी मक्खी रॉयल जेली
खूब चाव से खाती
दिन पर दिन वो मोटी औ’
सेठानी होती जाती
नए उमर के मजदूरों में
भरा हुआ है गुस्सा
अभी अभी टी वी पर देखा
फ्रेंच क्रांति का किस्सा
आनन फानन सभा बुलाई
नन्हे मजदूरों ने
हवा में मुट्ठी लहराई फिर
शूरों - वीरों ने
साथ हमारे काम करेगी
अब से अपनी रानी
और साथ में ही होगा अब
सबका खाना पानी
नन्हे बी वर्कर को सबने
पानी डाल जगाया
टूट गया था उसका सपना
चला काम पर भाया
डॉ. प्रदीप शुक्ल