ब्लॉग आर्काइव

बुधवार, 6 नवंबर 2019

प्रिया देवांगन प्रियू की रचना लक्ष्मी माता





शाम सबेरे उठ के माता , दीपक रोज जलाते हैं।
आशिर्वाद हमें दो माता , रोज द्वार पर आते हैं।।

छोटे छोटे बच्चे हैं हम , पूजा पाठ न आता है।
जो भी मन से पूजे माता , कष्ट दूर हो जाता है।।

करे सवारी उल्लू की जी, सबके भाग्य विधाता हो।
हे लक्ष्मी माँ नमन करूँ मैं, तुम ही जीवन दाता हो।।

जो भी पूजे सच्चे दिल से,  पास वही आ जाती हो।
कर्म करे जो अच्छे माता, उनको नहीं सताती हो।।

सुबह शाम जो पूजा करते, खाली झोली भरती हो।
भाग्य चमक जाता है उनका, कृपा जहाँ पर करती हो।।


             प्रिया देवांगन प्रियू
             पंडरिया  (कबीरधाम)
             छत्तीसगढ़

1 टिप्पणी: