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शनिवार, 16 नवंबर 2019

नशा छोड़ो : महेन्द्र देवांगन माटी की रचना






नशा नाश का जड़ है प्यारे , इसको मत अपनाओ ।
स्वस्थ अगर रहना चाहो तो , सादा भोजन खाओ ।।

इज्जत पैसा दोनों होते , एक साथ बर्बादी ।
रोज लड़ाई झगड़ा होते , बनो नहीं तुम आदी ।।

टूटे घर परिवार सभी से , रिश्ते नाते छोड़े ।
ऐसी आदत वालो से अब , काहे रिश्ता जोड़े ।।

खाने को लाले पड़ जाते , बच्चे भूखे सोते  ।
जीना मुश्किल हो जाता है  , कलप कलप कर रोते ।।

मद्यपान अब करना छोड़ो,  सादगी को अपनाओ ।
मिट जायेगा क्लेश कलह सब , घर में खुशियाँ लाओ ।।
       
                         महेन्द्र देवांगन माटी
                         पंडरिया छत्तीसगढ़

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