प्लास्टिक को छोडो सब,देशी पत्तल अपनाओ।
डिस्पोजल को फेको सब,कागज का थैला बनाओ।।
गोबर खाद का उपयोग करो, पर्यावरण को स्वच्छ बनाओ।
माटी से बर्तन बनाओ,कचरा को मत फैलाओ।।
फल फूल और पत्ती, सबको तुम उपयोग में लाओ।
कूड़ा कर्कट छिलके को,गड्ढा बनाकर दफ़नाओ।।
छोड़ विदेशी चीजों को , मिट्टी का दीप जलाओ ।
भारत को खुशहाल बनाओ ,स्वच्छता को अपनाओ।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया छत्तीसगढ़
बहुत बढ़िया रचना बधाई हो
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