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शनिवार, 16 नवंबर 2019

सृजन करें ( लावणी छंद ). : रचना महेन्द्र देवांगन माटी





नई सृजन की बेला आई , आओ कुछ निर्माण करें ।
आगे बढ़ते जायें हम सब , भारत माँ का नाम करें ।।

 कदम रुके मत बाधाओं में  , संकट से हम नहीं डरें ।
लक्ष्य साध कर बढ़ते जाओ , मन में अपना धीर धरे ।।

करें खोज विज्ञान जगत में  , छू लें चाँद सितारों को ।
 सृजन करें ऐसे हम साथी  , माने सब उपकारों को ।।

मिटे गरीबी गाँवों के सब , ऐसे कोई सृजन करें ।
हाथों में हो काम सभी के,  भूखों से अब नहीं मरे ।।

पढ़ लिखकर सब बढ़ते जायें , जग में ऊँचा नाम करें ।
भेदभाव को छोड़ साथियों  , नहीं किसी से कभी डरें ।।


महेन्द्र देवांगन माटी (शिक्षक)
पंडरिया (कवर्धा)
छत्तीसगढ़
8602407353
mahendradewanganmati@gmail.com

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