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मंगलवार, 26 नवंबर 2019

अम्मा मेरी : शादाब आलम





मैं जब भी शैतानी करता
तो अम्मा चिल्लाती है
नहीं मानता कभी-कभी तो
मुझको चपत लगाती है।
जैसे ही मैं रोने लगता
अपने पास बुलाती है
दुलराती-सहलाती मुझको
और बहुत पछताती है















शादाब आलम 

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