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शनिवार, 16 जनवरी 2021

भरो छलांगें(बाल गीत) वीरेन्द्र सिंह व्रजवासी

 





 

ऊंची-ऊंची भरो  छलांगें,

आगे   बढ़ते   जाना   है,

जीवन में आने वाली हर

बाधा   तुम्हें   हटाना   है।


तुम भविष्यके निर्माताहो,

दुनियाँ को  दिखलाना  है

ऊंच-नीच की दीवारों को,

तुमको  तोड़   गिराना  है।


तुम प्यारे बच्चे  हो लेकिन,

इतना   तो   समझाना   है,

अपनी ताकत  के  बलबूते,

जग  में  नाम  कमाना   है।


नहींअसंभव कुछजीवन में,

इस  पर  ध्यान  लगाना  है,

मंज़िल राह  निहारे  उनकी,

जिनको   आगे   जाना   है।


बच्चे  मन  के  सच्चे  होते,

जाने  सकल   ज़माना   है,

ईश्वर  के दर्शन से  बढ़कर,

इनको   गले    लगाना   है।


स्वयं ज्ञानका दीपक लेकर,

घर-घर  अलख  जगाना है,

बच्चो तुमको मात-पिता के,

सम्मुख  सीस  झुकाना   है।

       



                 वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी

                    मुरादाबाद/उ,प्र,

                    9719275453

                     

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