छन्न पकैया छन्न पकैया, बचपन लगे सुहाने।
सारे बच्चे मिलकर जाते, पोखर साथ नहाने।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, बच्चों की है टोली।
पेड़ो के संग खेला करते, बोले मीठी बोली।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, मस्ती करते सारे।
झूम झूम कर गाते गाना, लगते कितने प्यारे।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, पेड़ो पर चढ़ जाते।
बन्दर जैसे कूद कूद कर, बच्चें सभी नहाते।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, हरी भरी है डाली।
जी लो अपना बचपन सारा, अभी उमर है बाली।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़
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