ब्लॉग आर्काइव

शनिवार, 16 अक्टूबर 2021

शेरावाली माँ रचनाकार प्रिया देवांगन प्रियू



शेरावाली माता आयी।
घर-घर में खुशियाँ बिखरायी।।
माँ अम्बे का रूप भयंकर।
राक्षस दानव काँपे थर थर।।

एक हाथ में खप्पर पकड़े।
पापी राक्षस को वो जकड़े।।
देख क्रोध में सिंह दहाड़े।
महिषासुर के मुख को फाड़े।।

अत्याचार मिटाने वाली।
आयी है माँ दुर्गा काली।।
काली रूप देख सब भागे।
नव दिन तक सब सेवक जागे।।

लाली-लाली चुनर चढ़ाओ।
शेरावाली सभी जगाओ।।
करो आरती धूप जलाओ।
मनवांछित फल तुम भी पाओ।।




प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़

Priyadewangan1997@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें