तर्पण करते है सभी, लेकर जौ तिल हाथ।
करते हैं सब प्रार्थना, जाते मानव साथ।।
करे स्नान जल्दी सभी, देते हाथो नीर।
मीठा मेवा को बना, भोग लगाते खीर।।
अर्पण करते नीर है, करते हैं जब याद।
मनोकामना पूर्ण से, पाते आशीर्वाद।।
आते पूर्वज साल में, ले कागा का रूप।
होता मन में हैं खुशी, लगता रूप अनूप।।
बच्चो को होती खुशी, दादा आये आज।
परिवारों के साथ में, करते जल्दी काज।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़
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