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रविवार, 16 जनवरी 2022

तितली वन में जाने दो : प्रभुदयाल श्रीवास्तव की  बा ल कविता

 





उनको दो पूरी आज़ादी, 


तितली वन में जाने दो।


पीली नीली हरी गुलाबी 


तितली वन में जाने दो।



      मत मारो मत पकड़ो इनको ,


      इनको भी तो जीना है।


      बढ़ने दो इनकी आबादी,


      तितली वन में जाने दो।



छेड़ छाड़ तितली से करना,


अब यह बड़ा जुर्म होगा,


बाबा ने करवाई मुनादी,


तितली वन में जाने दो।



      वरमाला लेकर आई है,


      दुल्हन बनकर सजी धजी,


      फूलों से होने दो शादी,


      तितली वन में जाने दो।



फूलों ने भी सत्य अहिंसा,


कोमलता का पाठ पढ़ा,


पहिनेगे गांधी की खादी,


तितली वन में जाने दो









प्रभुदयाल श्रीवास्तव 



१२ शिवम् सुंदरम नगर 



   छिंदवाड़ा  मध्य प्रदेश 



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