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रविवार, 16 जनवरी 2022

"यात्रा" "छन्न पकैया" : प्रिया देवांगन "प्रियू" की रचना




छन्न पकैया छन्न पकैया, यात्रा करने जाते।

मिलकर सारे बच्चे बूढ़े, खुलकर के मुस्काते।।


छन्न पकैया छन्न पकैया, मन्दिर दर्शन पाते।

मनोकामना पूरे होते, जीवन खुशियाँ लाते।।


छन्न पकैया छन्न पकैया, यात्रा सफल बनाते।

माँ के दर पर जा कर सारे, झोली को फैलाते।।


छन्न पकैया छन्न पकैया, है जीवन की यात्रा।

गिनती की साँसे है चलती, होती इसकी मात्रा।।


छन्न पकैया छन्न पकैया, फँसते है सब माया।

यात्रा कर लो मन से साथी, माटी होती काया।।



प्रिया देवांगन "प्रियू"

राजिम

जिला - गरियाबंद

छत्तीसगढ़


Priyadewangan1997@gmail.com



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