नन्ही चुनमुन अपने मम्मी पापा के साथ एक पार्टी मे गई थी । सुयश भैया भी साथ मे था । चुनमुन की फ्रेंड्स भी उस पार्टी मे थी । पापा मम्मी अपने मित्र मंडली मे थे तो सुयश भैया अपने दोस्तों के बीच मे था। चुनमुन के साथ उसकी फ्रेंड्स थीं। सब आपस मे बातचीत कर रहे थे । कोल्ड ड्रिंक स्नैक्स भी बाँटा जा रहा था । सब बच्चों ने कोल्ड ड्रिंक लिया स्नैक्स भी खाया फिर उन सबकी नजर आइसक्रीम टेबल पड़ी तो सभी आइसक्रीम टेबल को घेर कर खड़ी हो गईं और एक एक डबल स्कूप आइसक्रीम लेकर अलग हट गईं । चुनमुन को उसकी नानी ने समझाया था कि ज्यादा आइसक्रीम नहीं खाना चाहिए उस बात का ध्यान आने पर चुनमुन को शान्त होकर बैठना पड़ा।
कुछ देर बाद सुयश भैया का एक दोस्त मोहन आइसक्रीम टेबल पर गया । चुनमुन को लगातार आइसक्रीम टेबल की ओर देखता हुआ देख मोहन एक आइसक्रीम का कोन चुनमुन के लिए लेकर आ गया । चुनमुन ने शिष्टाचार के नाते मोहन को धन्यवाद भी दिया । नाचगाना सब समाप्त हो गया था सब खाने की टेबल पर सपरिवार बैठे । चुनमुन ने अपनी मम्मी के साथ खाना खाया और आइसक्रीम भी । तबतक चुनमुन के पापा एक एक आइसक्रीम उसके तथा उसकी मम्मी के लिए लेकर आ गए।
घर तक पहुंचते पहुंचते चुनमुन की नाक बहने लगी । देर रात मे चुनमुन का बदन तप रहा था उसे बुखार हो गया था । चुनमुन के माता-पिता चिन्तित हो गए थे । सबेरे सबेरे चुनमुन को डाक्टर के क्लीनिक मे ले गये । डॉक्टर साहब ने चुनमुन को एक इंजेक्शन लगाया और कुछ सिरप भी दिये । डॉक्टर साहब ने चुनमुन के माता पिता को बतलाया कि अघिक आइसक्रीम खाने से यह बुखार हुआ है । चुनमुन को याद आया कि यही बात तो उसकी नानी जी ने बहुत पहले ही बतला दिया था।
शरद कुमार श्रीवास्तव
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