ब्लॉग आर्काइव

मंगलवार, 26 जुलाई 2022

मंजू यादव की रचना आओ हम सब खेले खेल,

 



आओ  हम सब खेले खेल,

पंक्ति बनाकर बनाये रेल।

कुछ बच्चे बन जाएं डब्बे,

भागे,दौड़े रेलमपेल।।


चिंटू बनकर इंजन आगे,

बाकी पीछे,पीछे भागे।

छूक,छूक छूक,छू का

आगे बढ़ती ,

दो पटरी पर सरपत् चलती।

 बड़ा निराला है ये खेल

नियम जो तोड़े पहुंचे जेल।।


मंजू यादव 


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