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गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017

संपादक की डेस्क से


भूकंप
" नाना  की  पिटारी" 06/02/2017 के  अंक  के  प्रकाशित  हो  जाने के  बाद उसी दिन शाम को   उत्तरी भारत  में  भूकंप  के  झटके महसूस  किए  गए  थे  ।  इससंबंध  में  भूकंप  के  बारे  में  जानकारी  देने  के  लिये  हम  दैनिक  जागरण  मे प्रकाशित  जानकारी के  अंश  अपने  नन्हे  मुन्नी को  देने  के  लिए  साभार जस का तस  प्रकाशित  कर रहे हैं

"भूकंप अक्सर भूगर्भीय दोषों और धरती या समुद्र के अंदर होने वाली विभिन्न रासायनिक क्रियाओं के कारण भूकंप आते हैं।हमारी धरती चार परतों यानी इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट से बनी हुई है।50 किलोमीटर की यह मोटी परत विभिन्न वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है।ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, लेकिन जब ये बहुत ज़्यादा हिलती हैं और इस क्रम में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है, तो भूकंप आता है।50 से 100 किलोमीटर तक की मोटाई की ये परतें लगातार घूमती रहती हैं। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा होता है और ये परतें इसी लावे पर तैरती रहती हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं।"

साभार-  दैनिक  जागरण।



                         शरद कुमार  श्रीवास्तव  

1 टिप्पणी:

  1. यह अंक भी बहुत अच्छा लगा ।इसमें प्रकाशित सभी कविता कहानी लेख बहुत ही अच्छा और ज्ञान वर्धक है ।इसके लिए श्री शरद कुमार श्रीवास्तव जी को बहुत बहुत बधाई एवं ह्रदय से आभार ।

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