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रविवार, 16 अप्रैल 2017

प्रभु दयाल श्रीवास्तव की बालकविता फुल्लू जी




फुल्लूजी



  फुल्लूजी को मिले पांच के,
      पांच विषय में अंडे पांच।
     इसी बात पर दादीजी से,
      उन्हें पड़ गई जमकर डाँट।

      वहीँ बड़ी दीदी ने पाया,
      एक विषय में अंडा एक।
    "और परिश्रम कर ले बिटिया,
      दादी बोली उसको देख।

      दुहरी बातें दादी जी की
      नहीं समझ फुल्लू को आई,
     अंडे ज्यादा मिलने पर भी,
      उसको ही क्यों डाँट लगाईं।


     प्रभुदयाल श्रीवास्तवस
     

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