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गुरुवार, 6 दिसंबर 2018

गुड़िया रानी (सार छंद) : महेन्द्र देवांगन की रचना






छमछम करती गुड़िया रानी,  खेले छपछप पानी ।
उछल कूद वह करती रहती,  डाँटे उसको नानी ।।

बस्ता लेकर जाती शाला , ए बी सी डी पढ़ती ।
कभी बनाती चित्र अनोखे,  कभी मूर्ति को गढ़ती ।।

साफ सफाई रखती अच्छी,  कचरा पास न फेंके ।
कूड़ा कर्कट आग लगाकर,  हाथ पैर को सेंके ।।

सबकी प्यारी गुड़िया रानी,  दिनभर शोर मचाती ।
खेलकूद में अव्वल रहती,  सबको नाच नचाती ।।


                         महेन्द्र देवांगन माटी 
                         पंडरिया  (कबीरधाम) 
                         छत्तीसगढ़ 
                        8602407353
                         mahendradewanganmati@gmail.com

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