छमछम करती गुड़िया रानी, खेले छपछप पानी ।
उछल कूद वह करती रहती, डाँटे उसको नानी ।।बस्ता लेकर जाती शाला , ए बी सी डी पढ़ती ।
कभी बनाती चित्र अनोखे, कभी मूर्ति को गढ़ती ।।
साफ सफाई रखती अच्छी, कचरा पास न फेंके ।
कूड़ा कर्कट आग लगाकर, हाथ पैर को सेंके ।।
सबकी प्यारी गुड़िया रानी, दिनभर शोर मचाती ।
खेलकूद में अव्वल रहती, सबको नाच नचाती ।।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कबीरधाम)
छत्तीसगढ़
8602407353
mahendradewanganmati@gmail.com
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