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Plant more trees, don't kill animals, save the earth।
एक गरीब आदमी था ।उसके परिवार में उसकी पत्नी और दो लड़कियां थी । उस आदमी का नाम भक्त था। भक्त पेड़ों को काटता था ,बेचता था और जानवरों को मारकर उनकी खाल बेच देता था जिससे वह पैसे कमाता था। वह पूजा में बहुत विश्वास रखता था ।वह रोज मंदिर जाता था और पूजा करता था । वह अपने बच्चों से भी कहता कि मैं इतनी पूजा करता हूं , जरूर भगवान मुझसे खुश होकर हमारे घर जरूर आएंगे । लेकिन हां ,याद रखना बच्चों , भगवान कभी भी अपने असली रूप में नहीं आते । वह हमेशा किसी का रूप लेकर आते हैं । रोज की तरह भक्त पेड़ों को काटने जाता है ।वहीं पर बैठ जाता है ।पेड़ को काटने लगता है। जब वह काट रहा होता है तो एकदम से नीचे गिर जाता है ।सब गांव वाले चिल्ला रहे होते हैं ,बचाओ बचाओ भूकंप आ गया है। वह डर जाता है और जल्दी से अपने घर जाता है । घर जाकर देखता है कि उसका पूरा घर गिरा पड़ा है । वह अपनी बीवी और बच्चों को ढूंढने लगता है । देखता है कि उसकी बीवी और बच्चे दबे पड़े हैं । वह गांव वालों की मदद से उनको बाहर निकालता है और देखता है कि तीनों मर गए हैं। सबसे पहले वह उन को जलाता है । और बहुत रोता है लेकिन गुस्से में भी बहुत होता है । वह मंदिर जाता है गुस्से में और बोलता है , हे भगवान तुझे तो मैंने दिन-रात पूजा। सब कुछ छोड़कर तुझे माना। अपने बच्चों के साथ वक्त बिताने की जगह हवन आदि कराया ।क्यों भगवान क्यों और तूने एक पल में मेरा सब कुछ ले लिया मेरा परिवार ।क्यों भगवान क्यों ।क्या इतनी पूजा का कोई महत्व नहीं है ।बोल कुछ तो बोल। वह रोता रोता वापस अपने उस टूटे हुए घर में चला गया । वह देखता है कि एक बिल्ली उसके आसपास घूम रही है ।भक्त ने उसको बहुत बार हटाया लेकिन वह हटी नहीं । गुस्से में आकर भक्त ने एक तीर छोड़ दिया उस पर। वह बिल्ली मर गई। थोड़ी देर बाद उसने देखा कि वह बिल्ली गायब हो गई ।उसने देखा कि हवा बहुत तेज चलने लगी । सामने देखा तो भगवान था। जैसे ही उसने भगवान को देखा तो उनके पैरों में गिर पड़ा और कहने लगा वही बात जो उसने मंदिर में बोली । भगवान उसकी बात चुपचाप सुनता रहा । उसकी बात भी खत्म हो गई लेकिन वह शांत रहे । कुछ बोले ही नहीं । भक्त ने बोला ,बोलिए कुछ तो बोलिए भगवान ।भगवान थोड़ी देर के बाद बोले , हां ,पृथ्वी के लोग सही कहते हैं कि सब इंसान मतलबी होते हैं। तुम मेरी पूजा अपने फायदे के लिए करते हो जिस दिन तुम मुझे अपने फायदे के लिए नहीं ,अपनी श्रद्धा से करोगे, उस दिन मैं तुम्हारी सारी इच्छाएं पूरी करूंगा ।भक्त ने बोला तो आप बताइए कि मुझे क्या करना चाहिए । यह बात सुनकर भगवान एक मुस्कुराहट के साथ बोले, अगर तुम अपनी श्रद्धा से मुझे मानते हो तो तुम्हें पूजा करने की जरूरत नहीं और वैसे भी मुझे पता है कि तुम मुझसे कुछ सवाल पूछना चाहते हो तो पूछो मेरे बच्चे । भक्त बोला भगवान आपने मेरा परिवार क्यों छीन लिया मुझसे । भगवान बोले, और जो तुमने कितने परिवार छीने हैं , जब तुम पेड़ काटते हो तो जो चिड़िया उड़ सकती हैं , वह तो उड़ जाती है लेकिन जो अभी तक उड़ना नहीं सीख पाईं वह सब मर जाती है । तुम कितने जानवरों को मार देते हो । उनकी जिंदगी छीन लेते हो । तब क्या उनका परिवार नहीं छिनता उनसे । भूकंप मैंने इसलिए लाया क्योंकि मुझे तुम्हें सबक सिखाना था, कि जैसे तुम पेड़ों को काटते हो और उसमें चिड़िया दबकर मर जाती है और पेड़ ही नहीं रहेंगे तो पंछी कहां रहेंगे ।उनके परिवार को तो तुम उजाड़ देते हो।तो तुम ही बताओ कि ऐसा क्या गलत हुआ तुम्हारे साथ। जो एहसास पेड़ों को,चिड़ियों को और बिल्लियों को होता है ,वह एहसास ही मैं तुम्हे कराना चाहता था ।दया आई तुम पर इसलिए सोचा ,एक बिल्ली बनकर तुम्हारे घर अाऊं और तुम्हारी इच्छाएं पूरी करूं लेकिन तुमने तो मुझे ही मार डाला , तो तुम ही बताओ ऐसा क्या गलत हुआ है तुम्हारे साथ जिसकी पूजा करनी चाहिए ,उसको तो तुम मार डालते हो और एक मूर्ति की पूजा करते हो । यह प्रकृति ही तुम्हारा जीवन है ।और हां, जाते-जाते तुम्हें बता दूं कि जब तक यह प्रकृति शांत है तुम्हारे जुल्म के बावजूद तुम इंसान जिंदा हो क्योंकि जब भी मुझे गुस्सा आता है तुम जैसे मूर्ख पर तो वही हमें आकर कहती है कि इंसान सुधर जाएंगे ।आप चिंता मत करो । वरना अगर किसी दिन उस प्रकृति को गुस्सा आ गया तो तुम्हारा नामोनिशान नहीं बचेगा। यह कहते ही भगवान गायब हो जाते हैं ।उस दिन से भक्त पेड़ों को और जानवरों को मारना बंद कर देता है और एक नौकरी करता है और एक मूर्ति की नहीं बल्कि प्रकृति की पूजा करता है ।
यशस्विनी भारतीय,
कक्षा-7
Bahut sunder.
जवाब देंहटाएंThanks😊
हटाएंबहुत अच्छी सोच बेटा।
हटाएंDhanayawad
हटाएंBeautiful beta..
जवाब देंहटाएंBhut khoob noor
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे नूर
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