आओ साथी हम सभी, देंगे सब का साथ।
दीवाली त्यौहार में, सभी बंँटाये हाथ।।
सभी बंँटाये हाथ, और अब साफ सफाई।
चादर कम्बल खोल, करे हम आज धुलाई।।
चमकाओ घर द्वार, खुशी से झूमो गाओ।
मिलकर सारे लोग, काम सब के तुम आओ।।
दीपक मिट्टी का जले, ऐसा रखना सोच।
झालर मालर फेंक दो, करो नहीं संकोच।।
करो नहीं संकोच, तभी होगा उजियारा।
टिमटिम जलते दीप, लगेगा कितना प्यारा।।
यही हमारी रीत, इसी में अपना है हक।
होगा रौशन देश, जलाओ मिट्टी दीपक।।
आतिशबाजी में सभी, करते पैसा खर्च।
नये पटाखे क्या बने, करते गूगल सर्च।।
करते गूगल सर्च, सभी बाजारे जाते।
रंग बिरंगे देख, पटाखे घर पर लाते।।
वातावरण अशुद्ध, प्रदूषण यह फैलाती।
है बीमारी पास, बंद हो आतिशबाजी।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़
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