हिन्दी सीखो हिन्दी बोलो, हिन्दी में सब काम करो ।
आगे बढ़ते जाये हम सब, भारत का तुम नाम करो।।
हिन्दी है बावन अक्षर का, सब भाषा से न्यारी है ।
मधुर सुहानी हिन्दी भाषा, हम सबको यह प्यारी है।।
हिन्दी अपनी मातृभाषा है, इसका सब सम्मान करो।
आगे बढ़ते जाये हम सब, भारत का तुम नाम करो ।।
रचनाकार
महेन्द्र देवांगन "माटी"
(प्रेषक - सुपुत्री प्रिया देवांगन "प्रियू")
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़
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