डाल डाल पर लगी हुई थी।
सुंदर सी गुलाब की कलियाँ।।
खुशबू चारों ओर बिखेरती।
गुलाब की नन्ही सी कलियाँ।।
तितली उनके पास है आती।
नन्ही कलियों पर बैठ जाती।।
रस उसका संग लेकर।
पेट अपना भरती।।
फूलों पर बैठ तितली।
मन की बात बताती।।
नन्ही कली को दोस्त बना के।
आसमान में उड़ जाती।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें