मां शारदे वरदान दे,
हमको अभय का दान दे,
मां शारदे वरदान दे.
कमलासिनी हंसासिनी,
कवियों के कंठ निवासिनी,
आलोकमय नव ज्ञान दे,
मां शारदे वरदान दे.
भावों को नव अभिव्यक्ति दे,
शब्दों को अनुपम शक्ति दे,
सृजनात्मक उत्थान दे,
मां शारदे वरदान दे.
मृदुहासिनी वरदायिनी,
मां भक्ति दे अनपायिनी,
हमको अपरिमित ज्ञान दे,
मां शारदे वरदान दे.
रचना-
श्रीमति मिथिलेश शर्मा
एम.ए., साहित्यरत्न.
भूतपूर्व अध्यापिका, लखनऊ
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