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गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021

"बसंत पंचमी" छब आती है प्रिया देवांगन "प्रियू" की रचना

 





आता है जब पंचमी, पूजा करते लोग।
हाथ जोड़ विनती करे, और लगाते भोग।।

हरी भरी धरती दिखे, हरियाली चहुँओर।
कोयल कूके बाग में, होते जग में भोर।।

करते पूजा शारदा, और झुकाते माथ।
जाते हैं सब द्वार पर, मिलजुल सबके साथ।।

मन को सबके मोहते, पुष्पों की मुस्कान।
आता दौर बसंत का, सुंदर लगे बगान।।

विद्या की है दायनी, भरती जग भण्डार।
श्वेत कमल में बैठती, देती खुशी अपार।।

श्वेत वस्त्र धारण करें, पुस्तक पकड़े हाथ।
वीणा की झंकार से, सभी झुकाते माथ।।


प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़


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