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सोमवार, 15 फ़रवरी 2021

मातृ - पितृ दिवस". रचना प्रिया देवांगन "प्रियू"


 




मात पिता सेवा करो, है दोनों भगवान।
देते हैं संस्कार जी, करो सदा सम्मान।।

संग रहो माँ बाप के, जीवन का है सार।
मिलकर रहते साथ जब, आती खुशी अपार।।

गुरु के दोनों रूप है, देते हैं संस्कार।
मिलती शिक्षा है हमें, माने कभी न हार।।

मात पिता सेवा करो, होते चारो धाम।
मिले सफलता नेक ही, होते जग में नाम।।

मात पिता से घर बने, कभी न इनको छोड़।
जीवन का ये अंग है, मुँह ना इनसे मोड़।।

रचनाकार
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़


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