ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हनुमानजी की पूजा-अर्चना करने से आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है। इसलिए इसे बड़ा मंगल , बुढ़वा मंगल कहते हैं। यह एक त्योहार की तरह लखनऊ या उसके आसपास हिंदू और मुस्लिम समुदाय द्वारा मिलकर मनाते हैं। बड़े मंगल की शुरुआत 400 साल पहले अवध के नवाब ने की थी। नवाब मोहम्मद अली शाह के बेटे गंभीर रूप से बीमार थे। उनकी बेगम ने कई जगह उसका इलाज करवाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। लोगों ने नवाब और उनकी बेगम रुबिया को बेटे की सलामती के लिए लखनऊ के अलीगंज स्थित पुराने हनुमान मंदिर में मन्नत मांगने को कहा। नवाब के मन्नत मांगने पर बेटा पूरी तरह स्वस्थ हो गया। इसके बाद नवाब और बेगम ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। उन्होंने मुस्लिम सौहार्द के प्रतीक के रूप मे अलीगंज लखनऊ के पुराने हनुमान मंदिर मे चान्दी का चांद लगवाया जो आज भी मौजूद है । इसके साथ ही ज्येष्ठ की भीषण गर्मी में हर मंगलवार को पूरे शहर में पानी और गुड़ वितरण करवाया । उसीके बाद से बड़ा मंगल मनाने की परंपरा शुरू हो गई।
लखनऊ की गंगा-जमुनी तहज़ीब की शानदार मिसाल 👏👏
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