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बुधवार, 16 सितंबर 2020

लौट आओ पापा: प्रिया देवांगन "प्रियू"की रचना





उंगली पकड़ के चलना आपने मुझे सिखाया।
छोटी सी चोट लगने पर आपने मुझे उठाया।।
खेल खेल में पढ़ना लिखना सिखाया।
हर परेशानियों का सामना करना बताया।।
कहा खो गए पापा आप ------------।
इतनी भी क्या जल्दी थी दूर जाने की पापा।
बहुत कुछ बचा है आपसे ज्ञान पाने की पापा।।
मेरी हर गलती को माफ कौन करेगा।
मेरी हर ख्वाइस पूरी कौन करेगा।।
कदम से कदम मिलाकर चलना मुझे सिखाया।
बेटी बेटा एक समान कभी फर्क नही कराया।।
क्यों चले गए इतने दूर हमशे पापा।
कहा खो गए पापा आप-----------।।
जल्दी से लौट आओ न पापा।
जल्दी से लौट आओ न पापा।।



           प्रिया देवांगन "प्रियू"
           पंडरिया
           जिला - कबीरधाम
            छत्तीसगढ़
Priyadewangan1997@gmail.com


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