आला डाल गले में उतरा,
गाड़ी से लंगूर,
बीमारों की भीड़ देखकर,
होश हुए काफूर।
तुरत बुलाकर कंपाउंडर को,
डॉक्टर ने फरमाया,
किसे कौन सा मर्ज़ लगा है,
जल्दी से दिखवाया।
भोलू कंपाउंडर ने आकर,
पूरी लिस्ट बनाई,
वैद्यराज, लंगूर को लाकर,
नम्बरवार दिखाई।
कोई पेट दर्द से पीड़ित,
कोई गैस का मारा,
और कंपकंपी ने जिस्मों का,
बढ़ा दिया था पारा।
गोली, काढ़ा , कैप्सूल दे,
सबकी जान बचाई,
सबने ही लंगूर वैद्य की,
बढ़कर फीस चुकाई।
तभी अचानक ज्वरसे पीड़ित,
एक शेरनी आई,
प्राणवायु की हुई कमी से,
सांस नहीं ले पाई।
कहा, वैद्यजी ने अब इनको,
तुरत कहीं ले जाओ,
एम्बुलेंस सेवा लेने में,
वक्त न व्यर्थ गंवाओ।
केवल धीरज धरने भर से,
मिट जाता कोरोना,
मास्क लगा , निर्धारित दूरी,
हाथ नियम से धोना।
वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी
मुरादाबाद/उ,प्र,
9719275453
04/05/2021
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