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गुरुवार, 6 मई 2021

"बहुत हुआ, बस लौट जा कोरोना अंजू जैन गुप्ता की बाल कविता

 



"बहुत हुआ, बस लौट जा "

वाह रे कोरोना देखी तेरी यारी

क्या बचपन, क्या जवानी ,

तेरी तो बुढ़ापे से भी निकली यारी 

 

वाह रे कोरोना देखी तेरी यारी 

हँसते - खेलते जग को 

बनाने में लगा है  शमशान। 

अपनो से अपनों का साथ छीन

फैला रहा चहुँ ओर कहर।

वाह रे कोरोना देखी तेरी यारी 

आज हर- पल, हर- लम्हा बस 

सुनाई दे रहा है  तेरा ही शोर। 

 थम जा,ठहर जा ;ज्यों आया था 

त्यों ही लौट जा।

माना कि मानव की कुछ ग़लतियों का

परिणाम है तु ,पर बहुत किया भुगतान भी हमने ,अब ठहर जा लौट जा। 

रूकती सी दुनिया को कुछ रफ़्तार लेने दे ;जी भर जीने दे ,कुछ साँसें  उधार दे दे।

वाह रे कोरोना देखी तेरी यारी 

अब माफ़ कर हमको और वापिस ले जा अपनी गाड़ी।


 


अंजू जैन गुप्ता

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