एक चिड़िया आती है, चींव चींव गीत सुनाती है ।
तीन चूहे राजा हैं , रोज बजाते बाजा हैं ।
चार कोयल आती हैं , मीठी गीत सुनाती हैं ।।
पाँच बन्दर बड़े शैतान, मारे थप्पड़ खींचे कान ।
छः तितली की छटा निराली , उड़ती है वह डाली डाली ।।
सात शेर जब मारे दहाड़ , काँपे जंगल हिले पहाड़ ।
आठ हाथी जंगल से आये , गन्ने पत्ती खूब चबाये ।।
नौ मयूर जब नाच दिखाये , सब बच्चे तब ताली बजाये ।
दस तोता जब मुँह को खोले , भारत माता की जय जय बोले ।।
महेंद्र देवांगन "माटी"
प्रेषक सुपुत्री प्रिया देवांगन "प्रियू")
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़
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