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बुधवार, 26 मई 2021

महेन्द्र सिंह देवांगन की रचवा "गिनती"



एक चिड़िया आती है, चींव चींव गीत सुनाती है ।


दो दिल्ली की बिल्ली हैं  , दोनों जाती दिल्ली हैं ।।

तीन चूहे राजा हैं  , रोज बजाते बाजा हैं ।

चार कोयल आती हैं  , मीठी गीत सुनाती हैं ।।

पाँच बन्दर बड़े शैतान,  मारे थप्पड़ खींचे कान ।



छः तितली की छटा निराली , उड़ती है वह डाली डाली ।।


सात शेर जब मारे दहाड़ , काँपे जंगल हिले पहाड़ ।


आठ हाथी जंगल से आये , गन्ने पत्ती खूब चबाये ।।


नौ मयूर जब नाच दिखाये , सब बच्चे तब ताली बजाये ।


दस तोता जब मुँह को खोले , भारत माता की जय जय बोले ।।



महेंद्र देवांगन "माटी" 

प्रेषक सुपुत्री प्रिया देवांगन "प्रियू")
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़

Mahendradewanganmati@gmail.com

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