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बुधवार, 26 मई 2021

मोर का नृत्य वीरेन्द्र सिंह बृजवासी का बालगीत

 


चकित हुए बच्चे सभी,

देख    मोर  का   नृत्य,

कितने  सुंदर  पंख   हैं,

कितना    सुंदर   कृत्य।


बादल   आए   झूमकर,

पड़ती      मंद    फुहार,

पीहू-पीहू  के बोल  की,

छाई       मस्त    बहार।


पंखों  को  झखझोर कर

होकर    खुद   में   मस्त,

घूम - घूम  हर  ओर  ही,

करे       मयूरा      नृत्य।


चुप  होकर  देखें   सभी,

इसका    अद्भुत    नृत्य,

करें  सराहना  ईश   की,

देख-देख   यह     दृश्य।


हम सबभी मिलकर करें,

ऐसा        सुंदर      नृत्य,

सारी   कटुता   त्यागकर,

बोलें       मीठा     सत्य। 


रखें बदलकर आज  हम,

जीवन     के     परिदृश्य,

केवल  अपनापन    बचे,

हो      कटुता     अदृश्य।

        

             वीरेन्द्र सिंह 'ब्रजवासी'

                 मुरादाबाद/उ,प्र,

                 9719275453

                  

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