तितली रानी, तितली रानी,
कितनी प्यारी, बड़ी सुहानी।
मखमल से अति कोमल हैं,
रंग बिरंगे पंख तुम्हारे।
इस डाली से उस डाली पर,
कहां कहां उड़ती फिरती हो।
कितना प्यार है तुम्हें फूलों से,
फूलों से ही चिपकी ही रहती हो।
गर मै भी तितली बन जाऊँ,
पास तुम्हारे आ जाऊँ।
डाल डाल और पात पात,
बच्चों का मन बहलाऊँ।
संग तुम्हारे उड़ती फिरूँ,
दुनिया भर की सैर करूँ।
दूर गगन में उड़ती जाऊँ,
हाथ किसी के न आ पाऊँ।
तितली रानी, तितली रानी
कितनी प्यारी, बड़ी सुहानी।
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मंजू श्रीवास्तव , हरिद्वार
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