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रविवार, 7 जुलाई 2019

गर्मी बाल कविता सुशील शर्मा





गर्मी बहुत तेज है मम्मी।
छत पर खेल रही क्यों निम्मी।
सूरज मामा का मुँह लाल।
 मुँह पर ढकते सभी रुमाल।
सारी चिड़ियाँ चूँ चूँ करतीं।
 प्यासी प्यासी क्यूँ वो फिरतीं।
 रख दो मम्मी एक सकोरा।
साथ में दाना दुमका कोरा।



चिड़िया ने सब तिनके जोड़े
यहाँ घुसा कर वहाँ मरोड़े।
बुनकर एक घोंसला ताना।
लाई फिर वो चूजों को खाना।
 गर्मी से हम सब बेहाल।
 आइसक्रीम अब करे कमाल।
 चलो आम तोड़े हम कच्चे।
 करें धमाल सभी हम बच्चे।


                        सुशील शर्मा

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