आ या है त्यौहार , रक्षाबंधन का आज।
भाइयों के सिर पर है , खुशियों का ताज।।
खिल उठी है मन में , खुशी की कलियाँ।
महक रही है आज ये , घर संसार और गलियां।।
मीठे मीठे पकवानो की , महक मन में आई है।
राखी से बहना , अपनी थाल सजाई है।।
वचन मांगती भाई से , मुस्कुराकर आज।
हमेशा पूरी करना मेरी , छोटी बड़ी काज ।।
प्रिया देवांगन प्रियू
पंडरिया (कवर्धा)
छत्तीसगढ़
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