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बुधवार, 6 नवंबर 2019

शाही हज्जाम ( बारबर) शरद कुमार श्रीवास्तव






एक राजा था उसके सिर पर एक सींघ जैसी कोई चीज उग आई थी राजा को बड़ी शर्म महसूस हुई कि जब लोग इस सींघ के बारे जानेगे तो उसे जानवर समझेंगे. रानी तो उसका साथ ही छोड़ देगी. राजा ने इस बात को छुपाने के लिए  अपने बाल कई महीने तक नहीं कटवाऐ. राज पुरोहित ने जब देखा कि राजा ने काफी दिनो से बाल नहीं कटवाए है तो उसने राजा से कहा महाराज आप के सलोने चेहरे पर यह घास की तरह बड़े बड़े बाल बड़  मनहूसियत पैदाकर रहे है. राज्य पर कोइ विपत्ती आ स कती है अतः उससे बचने के लिये अपने बाल कटवा लीजिये.
जब दरबार के और लोगों ने भी ऐसा ही कहा तो उन्होने शाही हज्जाम को बुलवाया और अकले मे उसको कड़ी चेतावनी दे दी कि अगर उनकी सींघ की बात किसी से कहा तो उसे भयंकर दंड मिलेगा.
शाही नाई ने राजा के बाल काट दिये. अब राजा  हर समय टोपी पहने रहता था।  लेकिन  उस नाई की एक खराब आदत थी कि वह अपने पेट मे कोई बात पचा नहीं पाता था. किसी न किसी के सामने वह बात उगल जरूर देता था. नाई की हालत खराब थी. बिना बात बताए उसका पेट फूला जा रहा था. वह न खा सकता था न पी सकता  था और न सो सकता था. वह बहुत कोशिश करके भी उस रहस्यमय बात को भुला नहीं सका. वह नदी के पास गया तो उसे डर लगा कहीं कोई मछली या मछुवारा या नदी के घाट का धोबी उसकी बात सुन लेगा और राजा को बता देगा तो उसे भयंकर दंड मिलेगा. वह खेतों मे गया तो वहाँ भी उसे डर लगा कि कहीं कोई किसान न सुन कर राजा से उसकी शिकायत कर दे. रहस्यमय बात को नहीं कह पाने पर उसका पेट फूलता ही जा रहा था. अन्त मे वह जंगल चला गया और उसने   एक बड़े पेड़ के तने मे बने एक बडे छेद मे मुँह डाल कर कहदिया कि राजा के सिर पर सींघ है. यह कहने के बाद वह बहुत हल्का अनुभव कर रहा था. जब शाही नाई घर आगया और अपने को बहुत ही सामान्य अनुभव कर रहा था.
उसी रात एक तूफान आया और वह बड़ा पेड गिर गया. बढाई ने उस पेड़ के बड़े छेद वाले हिस्से को काट कर उस पर चमडा मढ़वाकर एक खूब बढ़िया नगाड़ बनवाया. शीघ्र ही जब बहुत सारे लोगों के बीच जब वह नगाड़ा बजाया गया तो उस नगाड़े के बजाने पर विचित्र सी धुन मे चिल्लाकर नगाडा बोला राजा के सिर पर सीघ है. किन ने कहा किन ने कहा? शाही हज्जाम ने. नगाड़ा ने हर बार यही बात जब दोहराई . राजा को पत चल गया. राजा ने शाही हज्जाम को बुवाया और पूछा कि जब मेरी यह बात जो तुम्हे छोड़ किसी को नहीं पता थी तो नगाडे को क़ैसे पता चला है. शाही हज्जाम ने राजा के सामने रोरो कर अपना बुरा हाल कर लिया और क्षमा माँगी तब राजा ने उसे क्षमा कर दिया. राजा को पता चल चुका था कि कोई रहस्य क तक रहस्य मय रह सकता है जब तक वह स्वयं से किसी और को नहीं कहता है.


                                 शरद कुमार  श्रीवास्तव

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