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बुधवार, 26 जनवरी 2022

गरम समोसा वीरेन्द्र सिंह बृजवासी की बालरचना



चुहिया रानी बना रही तब

गरमा   -   गरम   समोसा

चाय- नाश्ता   करने आए

जब    चुहिया   के  मौसा।


चूहे  राजा  ने  धनिये  की

चटनी      स्वयं      बनाई

गरम चायके साथ समोसे

चुहिया      लेकर    आई।


खाकर गर्म  समोसे मौसा

मन    ही    मन   मुस्काए

चुहिया को शाबाशी देकर

रुपए        बीस    थमाए।


चुहिया बोली मौसा इतना

क्यों   खर्चा    करते    हो

आशीषों की जगह हाथमें

पैसा     क्यों    धरते   हो।


सरपे हाथ फिराकर बोले

तब   चुहिया   के   मौसा

याद  रहेगा  मुझको  तेरा

गरमागरम        समोसा।


चूहे  राजा  बोले  चुहिया

बचा   न   एक   समोसा

मेरी चटनी मुफ्त खागए

तेरे        प्यारे      मौसा।

          


         वीरेन्द्र सिंह "ब्रजवासी"

             9719275453

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