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शनिवार, 16 दिसंबर 2023

जाड़े की धूप : शरद कुमार श्रीवास्तव

 




सुन मुन्नू सुन गुन्नू सुन बिटिया रानी
जाड़ा आया है जाड़े की धूप सुहानी
आओ बैठे धूप में कहती बूढ़ी नानी
बच्चे बात न सुनते खेलते वो पानी

पहनो मोजे पावों में कहती है नानी
टोपा नहीं पहनते करते ये मनमानी
दौड़ें बच्चे पकड न पाये देखो नानी
नाक सुड़ सुड़ फिर भी खेलते पानी

नानी की बात न माने करते मनमानी
जाड़ा नहीं सताता खूब करें शैतानी
सर सर हवा चले बहे नाक से पानी
बच्चों से जाड़ा हारा सुनिए जी नानी

बच्चों से न बोले जाड़ा बात हमे बतानी
युवा का मीत शीत बात ये सबने मानी
जाड़ा बूढ़ा नहीं छोड़ता मत कर हैरानी
रजाई मे बूढ़ा काँपे हुई यह बात पुरानी



शरद कुमार श्रीवास्तव 
शीलकुंज मोदीपुरम मेरठ 

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