नया
चिड़िया के चूजे हैं पांच।
उनपर आये कभी ना आंच।
चिड़िया दाने लेकर आती।
पांचों को वो खूब चुगाती।
ची ची ची वो जब करते हैं।
मुझको प्यारे वो लगते हैं।
मम्मी उनको लगती ठंडी
सिलवा दो तुम उनको बंडी।
उनको मेरे पास बिठा दो।
एक बस्ता उनको दिलवा दो।
उनका टीचर मैं बन जाऊं।
उनको फिर मैं खूब पढ़ाऊँ।
हर दिन विद्यालय ले जाऊं।
ट्विंकिल ट्विंकिल पाठ पढ़ाऊँ।
लंच में इनको दाने खिलवाऊं।
इनके पीछे रेस लगाऊं।
मित्र नही है कोई मेरा।
चूजों ने है मुझको घेरा।
ये ही मेरे मित्र समान
इनको मैं मानू भगवान।
सुशील शर्मा
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