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मंगलवार, 7 मार्च 2023

होली का हुड़दंग



 सुयश  घर मे जैसे ही  घुसा सारा घर हँस  पड़ा।   वह बाहर से एकदम काले मुहँ वाला बन्दर बन कर  आया  था       बाहर  रोड  पर   किसी ने  उसके  चेहरे  पर  काला रंग लगा दिया  था ।   सुयश  के  पापा बोले  आप सब क्यों  हँस  रहे  हैं  ।   मनीष  बोल पड़ा  कि किसी  बच्चे  ने सुयश के  चेहरे पर गन्दा वाला  काला रंग पोत  दिया  है  ।  हमारी इस  कालोनी  में  तो सब लोग  सफाई  से होली खेलते हैं कोई  गन्दे रंगों  से नही खेलता  है ।  पापा  बोले कि इस बंदर से पूछो यह मेन  रोड की तरफ होली  खेलने  गया  ही क्यों  था ।

 पापा फिर  बोले कि लोग जाने अनजाने खराब  रंगों  का  इस्तेमाल करते हैं  जिससे स्किन इंफेक्शन  होने  का  डर रहता  है  ।    इसीलिए  मैंने  तुम सब  लोगों  को हाथ  पैरों  और मुंह मे  मास्चराइजर  तथा  बालों  में जैतून  का  तेल   लगवाया था

मनीष  बोला  कि   पापा होली  तो मेल मिलाप और प्रेम - सौहार्द    का त्योहार  है  हमे सूखे  अबीर गुलाल  से  होली खेलना  चाहिए  ।    पापा आगे  बोले  हमे प्राकृतिक  रंग  भी उपलब्ध  हैं  जैसे  टेसू के  फूल इत्यादि   जो  गांवों  में  तो मिल  जाते हैं  और  पंसारी की  दुकानों  पर  भी  मिल  जाते उनका गीला रंग  बना  कर  होली खेलने  का  मजा ही   कुछ  और है  ।  

होली खेलने के बाद सब लोगों ने नहाया धोया मम्मी के बनाए पकवानो का खाने के साथ खाया।


  शाम  को  घर के  सब लोग  दादी  बाबा  के  घर  पर  गये दादी  बाबा  ने सब बच्चों  को  गले लगाया  और होली का  उपहार  दिया


शरद  कुमार  श्रीवास्तव 


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