एक दिन की बात है खूब जोरों से बिजली गरज रही थी और बारिश हो रही थी । गिर के जंगलों मे बहुत से जानवर जैसे गिलहरी,गिरगिट,गधा गाय और गैंडा हाथ मे गमला लिए इधर उधर भाग रहे थे ।तभी वहाँ से गुल्ली नाम की बिल्ली जा रही थी, उसने देखा कि सभी अपने हाथ में एक - एक गमला लेकर भाग रहे हैं गुल्ली उनको देखकर जोरों से हँसने लगी और हँसते- हँसते कहती हैं, कि अरे !भई तुम सभी गमला लेकर क्यों भाग रहे हो?तभी गिलहरी कहती है कि गुल्ली बिल्ली तुम भी एक गमला ले लो और भागो देखो बिजली कितनी जोरों से गरज रही है;
कहीं तुम्हारे ऊपर न गिर जाए ! यह बात सुनकर गुल्ली और जोरों से हँसने लगती है और हँसते हुए कहती है ,"जब बिजली गरजता है तो हमें किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए जैसे कि किसी इमारत के अंदर या किसी ढके वाहन के अंदर । हमें पानी और बिजली की वस्तुओं से भी दूर रहना चाहिए ।
गमला तो मिट्टी का होता है यह तो टूट जाएगा । यह तुम्हारी रक्षा नहीं करेगा बल्कि इससे तुम्हें चोट लग सकती हैं ,तभी गिरगिट
भी बोलने लगता है," हाँ -हाँ गुल्ली तुम ठीक कह रही हो हमें शीघ्र ही किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए।"
गिरगिट और
गुल्ली की बात सभी जानवरों को समझ आ जाती है और सभी तुरंत गमला एक तरफ रख देते हैं । और पास ही एक सुरक्षित स्थान खोज लेते हैं सभी वहाँ जाकर रुक जाते हैं।
जाते- जाते गुल्ली बिल्ली कहती हैं, तुम सबको याद हैं ना कि कल मेरा जन्मदिन है ।
तभी गाय कहती है ,"हाँ -हाँ गुल्ली हम सब आ जाएगे और मैं सबके लिए गाजर का हलवा ले आऊंगी।",गधा कहता है कि ,"मैं गिलास और गाजर का जूस ले आऊंगा । गुल्ली बिल्ली कहती है कि तुम्हें कुछ लाने की जरूरत नहीं है मैंने पहले से ही ये सब बना लिया है बस तुम सब समय पर आ जाना। "गुल्ली कहती है , अब "मैं भी घर जाकर गुब्बारों से घर को सजा लेती हूं और गेंद भी ढूंढ लेती हूं कहाँ रखी है हम कल गेम्स भी खेलेंगे ।"
तभी मौसम भी सही हो जाता है और सभी अपने अपने घर चले जाते हैं।
अंजू जैन गुप्ता
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