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सोमवार, 26 दिसंबर 2016

प्रिया देवांगन "प्रियू" का बालगीत

बालिका की अभिलाषा काश मैं एक पंछी होती, मस्त गगन मे उड़ जाती । ताजा ताजा फल खाती, सबको मीठी गीत सुनाती । जग की पूरी सैर करती, नये नये दोस्त बनाती । नदी झील की पानी पीती, वन उपवन में घूम आती । सुबह से उठ कर मैं चहचहाती, मीठी नींद से सबको जगाती । सबके मन मे जगह बनाती, जीवन मे खुशियाँ मैं लाती । उड़ कर अपनी मंजिल पाती, हर मंजिल मैं उड़कर जाती । फल फूल मैं खूब खाती, बच्चों के पास आ जाती । काश मैं एक पंछी होती, मस्त गगन में उड़ पाती ।
प्रिया देवांगन "प्रियू" गोपीबंद पारा पंडरिया जिला -- कबीरधाम ( छ ग ) Email -- priyadewangan1997@gmail.com

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