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मंगलवार, 16 मई 2017

मधु त्यागी का बालगीत : मेला




मेला
राहुल, रिहा, पल्लवी, पारुल
और सुरभी, दामिनी
सब मिलकर पहुॅंचे मेले में।
वहाॅं बहुत दुकाने थीं।

भीड़ बहुत थी, शोर बहुत था
लेकिन मेला अच्छा था। 
राहुल रिहा बैठे झूले में,
झूला बहुत ही ऊॅंचा था।
ऊपर जाता, नीचे आता,
नीचे आता, ऊपर जाता,
मज़ा बहुत ही आता था।
पल्लवी, पारुल ने लिए खिलौने,

प्यारे- प्यारे और सलोने,
गाने वाली गुड़िया थी और 
चाबी वाला बंदर था।
सुरभी, दामिनी लाई मिठाई,
छोटे - छोटे रसगुल्ले थे और
रस में भीगी रसमलाई।
दोनों ने मिलकर खूब खाई।   

               


                             मधु त्यागी
                            ओ- 458 , जलवायु विहार
                            सैक्टर- 30 गुरूग्राम हरियाणा ।



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