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मंगलवार, 16 मई 2017

सपना मांगलिक की कविता जीवन





जीवन

कुछ भी जीवन में हो जाए
दुःख आ जाएँ,सुख खो जाए
नहीं तनिक उदासी लाओ
जीवन पथ पर बढ़ते जाओ

सब अपना न कुछ मेरा है
ये जग दो दिन का डेरा है
नाचो - गाओ ,हँसो-हँसाओ
हर पल तुम त्यौहार मनाओ

एक दूजे से क्योंकर लड़े हैं
जीवन छोटा काम बड़े हैं
रोते मुख मुस्कान खिलाओ
 सद्कर्मों में खुदको लगाओ 

जीवन होगा सफल तब बच्चे 
जब काम करोगे अच्छे - अच्छे
इंसा महान तुम कहलाओगे
मरकर भी जीवन पाओगे।



                        सपना मांगलिक
                       आगरा 

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