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सोमवार, 26 मार्च 2018

मंजू श्रीवास्तव की रचना : अच्छे कर्म का अच्छा नतीजा



छोटा परिवार | रमेश अपनी पत्नि व बेटे रामू के साथ एक छोटे से घर मे रहते थे |.…
रामू बहुत बुद्धिमान बालक था |  आर्थिक स्थिति  अच्छी न होते हुए भी रमेश ने बेटे की पढ़ाई जारी रखी |रामू के इरादे बहुत ऊंचे थे | वह डाक्टर बनना चाहता था |
आज रामू का मन था बर्गर खाने का | रमेश रामू को एक रेस्टरां मे ले गया| बर्गर का आॉर्डर दिया | बैरा बर्गर ले आया जो काफी महंगा था   |
रामू ने बर्गर खाने के लिये मुंह खोला ही था कि एक बूढ़े व्यक्ति को बाहर दरवाजे के सा मैने देखकर ठिठक गया | उस व्यक्ति को देखकर लग रहा था जैसे कई दिन से खाना नहीं खाया है | रामू ने तुरत वह बर्गर उस व्यक्ति को दे दिया| इतना ही नही रेस्टरां से और खाना लेकर भरपेट भोजन कराया |
यह वाकया पास की सीट पर बैठी एक महिला देख रही थी | उसने इस घटना का वीडियो बना डाला और internet पर upload कर दिया| कुछ ही देर वह वायरल हो गया |
जबतक वह व्यक्ति वहां आता रहा, रामू रोज उसे भरपेट भोजन कराता रहा |
कुछ दिन बाद रमेश के घर एक सज्जन आये | उन्होंने रमेश को देखते ही धन्यवाद की झड़ी लगा दी | रमेश आश्चर्य से उन सज्जन को देखे जा रहा था | रमेश बोला आप जो कुछ कह रहे हैं मै समझा नहीं|

अब उन सज्जन ने  रमेश की जिज्ञासा शान्त की | बोले मै  इस शहर मे एक अस्पताल मे सर्जन हूँ | कुछ दिन पूर्व आपके बेटे ने जिस व्यक्ति को रेस्टरां मे खाना खिलाया था वो और कोई नहीं मेरे पिता थे | उनको भूलने की बीमारी है जिससे वो घर का रास्ता भूल गये थे |  हमने बहुत ढ़ूंढ़ा | 
आज अचानक internet पर नज़र पड़ी तो उसमे देखा| मैं ढ़ूंढ़ते हुए 
आपके घर पहुंचा हूँ | आपका धन्यवाद किस तरह करूँ? 
रमेश आश्चर्य से उनका चेहरा देखने लगा |
रमेश के घर की हालत देखकर और ऱामू की पढ़ाई मे रूचि जानकर उन सर्जन ने रामू की आगे की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का वादा किया |

रमेश को अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था | लेकिन सच्चाई यही थी |
***

बच्चो अच्छे कर्म का परिणाम हमेशा अच्छा होता है |
दुखी  व जरूरत मंद लोगों की मदद करने के लिये हमेशा तत्पर रहो |


            मंजू श्रीवास्तव हरिद्वार

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